घमंड ना कर बदल जाएगा यही इसका काम है, घमंड ना कर बदल जाएगा यही इसका काम है,
रास्तों का जाल है यह समय की कैसी चाल है। रास्तों का जाल है यह समय की कैसी चाल है।
जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है। जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है।
हम राजनीति के कारण इस कदर बंट चुके हैं कि हम खुद का नुकसान कर रहे हैं। हम राजनीति के कारण इस कदर बंट चुके हैं कि हम खुद का नुकसान कर रहे हैं।
उम्र का सूरज अब, ढलान पर जा रहा है। लगता है कि बुढ़ापा आ रहा है। उम्र का सूरज अब, ढलान पर जा रहा है। लगता है कि बुढ़ापा आ रहा है।
कविता है तो कवि है ,कवि है तो कविता जीवन की लय समझाती है जीवन सरिता। मधुरिम मधुरिम कविता है तो कवि है ,कवि है तो कविता जीवन की लय समझाती है जीवन सरिता। म...